भजन-गुरु दरिया में नहाना
गुरु दरिया में नहाना, संतो कहीं दूर न जाना ||टेक||
गुरु दरिया का जल निर्मल है।
पैठे उपजे ज्ञाना, संतो कहीं दूर न जाना ।।
पैठे उपजे ज्ञाना, संतो कहीं दूर न जाना ।।
सुर नर मुनि और पीर औलिया ।
इनके भरम भुलाना , संतो कहीं दूर न जाना ।।
कहे मुनीन्द्र सुनो भाई साधो ।
सद्गुरु चरण ठिकाना , संतो कहीं दूर न जाना ।।
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