स्वागत गान
आज स्वागत नित्य गुरुवर , संत शुभागम आइये |
अध्यात्म विद्या दिव्या ज्योति, सोम रस बरसाइये ||
दोष दुर्गुण दूर करिके , शुद्ध हंस बनाइये |
भेद गम गति ज्ञान गर्जन , शक्ति द्वार हटाइये ||
खुले द्वारा शब्द सागर , भक्त जन अन्हवाइये |
जन 'सदाफल ' विश्व शिक्षक , शान आन बचाईये ||
मंगल गान
विश्व शान्ति नाम मंगल , परमगुरु को ध्याइये |
वर्ग द्वन्द अशांति दूर कर , भाव भेद मिटाईये ||
सार्वभौम समष्टि सत्ता , धयात्म राज्य बनाइये |
भेष भाषा भाव जगमय , ज्ञान पर दरसाइये ||
समृद्धि सुख शांति धरातल , स्वर्ग भूमि बनाइये |
विश्व शिक्षक जन 'सदाफल' , निति स्वर अपनाईये ||
आज स्वागत नित्य गुरुवर , संत शुभागम आइये |
अध्यात्म विद्या दिव्या ज्योति, सोम रस बरसाइये ||
दोष दुर्गुण दूर करिके , शुद्ध हंस बनाइये |
भेद गम गति ज्ञान गर्जन , शक्ति द्वार हटाइये ||
खुले द्वारा शब्द सागर , भक्त जन अन्हवाइये |
जन 'सदाफल ' विश्व शिक्षक , शान आन बचाईये ||
मंगल गान
विश्व शान्ति नाम मंगल , परमगुरु को ध्याइये |
वर्ग द्वन्द अशांति दूर कर , भाव भेद मिटाईये ||
सार्वभौम समष्टि सत्ता , धयात्म राज्य बनाइये |
भेष भाषा भाव जगमय , ज्ञान पर दरसाइये ||
समृद्धि सुख शांति धरातल , स्वर्ग भूमि बनाइये |
विश्व शिक्षक जन 'सदाफल' , निति स्वर अपनाईये ||
No comments:
Post a Comment