भजन - माया महा ठगिनी हम जानी
माया महा ठगिनी हम जानी || टेक ||
त्रिगुणी फाँस लिये कर डोले ,
बोले मधुरी वाणी ||
केशव के कमला हवे बैठी ,
शिव के भवन भवानी ||
पण्डा के मूरति हवे बैठी ,
तीरथ हूँ मैं पानी ||
योगी के योगिनी हवे बैठी ,
राजा के घर रानी ||
काहू के हीरा हवे बैठी ,
काहू के कौड़ी कानि ||
भक्ता के भक्तिनी हवे बैठी ,
ब्रह्मा के ब्रह्माणी ||
कहहीं कबीर सुनो हो संतो ,
ई सब अकथ कहानी ||
माया महा ठगिनी हम जानी || टेक ||
त्रिगुणी फाँस लिये कर डोले ,
बोले मधुरी वाणी ||
केशव के कमला हवे बैठी ,
शिव के भवन भवानी ||
पण्डा के मूरति हवे बैठी ,
तीरथ हूँ मैं पानी ||
योगी के योगिनी हवे बैठी ,
राजा के घर रानी ||
काहू के हीरा हवे बैठी ,
काहू के कौड़ी कानि ||
भक्ता के भक्तिनी हवे बैठी ,
ब्रह्मा के ब्रह्माणी ||
कहहीं कबीर सुनो हो संतो ,
ई सब अकथ कहानी ||
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