भजन- डोलिया कहार लेके
डोलिया कहार लेके ,अईले सजनवा |
सजनवा हो मोरे , माँगेलें गवनवाँ ||
डोलिया में हमे दीन्हे बैठायी ,
सुसुकि सुसुकि रोइहै माई बाप भाई |
छूट जाई बाबुल के , हमरे अंगनवा ,
सजनवा हो मोरे , माँगेलै गवनवा ||
पंचरंगी चुनरी न पहने पुजारिया ,
काहीलं सजान ओढ़ कोरी रे चुनरिया |
लेई जालन भाँती जवन , कइलू जतनवा ,
सजनवा हो मोरे मांगेलें गवनवाँ ||
सब केहू दूर देइ पहुंचाई ,
लमहर राह में न संगे कोई जाई |
इहे हउवे रीत जाने , सगरो जहँवा ,
सजनवा हो मोरे मांगेलें गवनवाँ ||
जब देखिये सईया मोरे सोलहो सिंगरवा ,
हमरा से प्रीत करीहे दिहे अदरवा |
धन्य हो जाई मोरा , जुड़ा जाई मनवा ,
सजनवा हो मोरे मानगेलें गवनवाँ ||
सोलह संस्कार दीप सोलहो सिंगरवा ,
पचरंगी चुनरी ह जैसे बा पियरवा |
क्षिति जल पावक , गगन , पवनवा ,
सजनवा हो मोरे माँगेलें गवनवाँ ||
डोलिया कहार लेके ,अईले सजनवा |
सजनवा हो मोरे , माँगेलें गवनवाँ ||
डोलिया में हमे दीन्हे बैठायी ,
सुसुकि सुसुकि रोइहै माई बाप भाई |
छूट जाई बाबुल के , हमरे अंगनवा ,
सजनवा हो मोरे , माँगेलै गवनवा ||
पंचरंगी चुनरी न पहने पुजारिया ,
काहीलं सजान ओढ़ कोरी रे चुनरिया |
लेई जालन भाँती जवन , कइलू जतनवा ,
सजनवा हो मोरे मांगेलें गवनवाँ ||
सब केहू दूर देइ पहुंचाई ,
लमहर राह में न संगे कोई जाई |
इहे हउवे रीत जाने , सगरो जहँवा ,
सजनवा हो मोरे मांगेलें गवनवाँ ||
जब देखिये सईया मोरे सोलहो सिंगरवा ,
हमरा से प्रीत करीहे दिहे अदरवा |
धन्य हो जाई मोरा , जुड़ा जाई मनवा ,
सजनवा हो मोरे मानगेलें गवनवाँ ||
सोलह संस्कार दीप सोलहो सिंगरवा ,
पचरंगी चुनरी ह जैसे बा पियरवा |
क्षिति जल पावक , गगन , पवनवा ,
सजनवा हो मोरे माँगेलें गवनवाँ ||
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